Will the old tax regime end by next year? जानिए वित्त मंत्री ने क्या कहा
वित्त मंत्री ने बताया कि ओल्ड टैक्स रिजीम को समाप्त करने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में प्रयास जारी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 प्रस्तुत करने के बाद कहा कि पुरानी कर प्रणाली को समाप्त करने के संबंध में अभी कोई निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है और यह भी तय नहीं है कि इसे समाप्त किया जाएगा या नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि कर प्रणाली को और अधिक सरल बनाने की दिशा में प्रयास जारी है।
बजट 2025 के अनुसार, वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली के अंतर्गत कुछ राहतों की घोषणा की है। अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर केवल 5% कर लगेगा, जबकि पहले यह सीमा 6 लाख रुपए तक थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है। अन्य कर स्लैब में भी परिवर्तन किए गए हैं, हालांकि पुरानी कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम
पुरानी टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत प्राप्त होने वाली छूट में एचआरए, एलटीए, 80(सी), और 80(डी) सहित अन्य कई प्रावधान शामिल हैं, जो नई टैक्स व्यवस्था में नहीं हैं। नई टैक्स व्यवस्था की शुरुआत 2020 में हुई थी। दोनों व्यवस्थाओं के बीच का अंतर यह है कि पुरानी व्यवस्था में अधिक टैक्स देना पड़ता था लेकिन अधिक लाभ भी मिलते थे, जबकि नई व्यवस्था में कम टैक्स देना पड़ता है परंतु लाभ भी कम होते हैं।
नई कर व्यवस्था के अनुसार, 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। 3 लाख से अधिक और 6 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स लगता है। 6 लाख से 9 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स, और 9 लाख से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स निर्धारित है। इसी प्रकार, 15 लाख से अधिक और 20 लाख रुपये तक की आय पर 30% टैक्स लागू होता है।
पुरानी टैक्स व्यवस्था का क्या होगा?
ध्यान दें कि नियोक्ता 1 अप्रैल, 2023 को नई कर प्रणाली के आधार पर वेतन पर कर (टीडीएस) काटना शुरू कर देंगे , यह मानते हुए कि किसी व्यक्तिगत करदाता ने पुरानी कर व्यवस्था का उपयोग करने का विकल्प नहीं चुना है।
कौन सी बेहतर है, पुरानी या नई कर व्यवस्था?
पुरानी कर व्यवस्था में कई तरह की कटौती और छूट मिलती है जबकि नई कर व्यवस्था में बहुत कम कटौती और छूट मिलती है। b) मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये है। 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देय नहीं है। d) वेतनभोगी और पेंशनभोगियों को 50,000 रुपये की मानक कटौती उपलब्ध है।
क्या नई कर व्यवस्था से पुरानी में स्विच करना संभव है?
हां, यदि आप वेतनभोगी व्यक्ति हैं, तो आप हर वर्ष कर व्यवस्था बदल सकते हैं , लेकिन यदि आप किसी व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित करते हैं, तो आप ऐसा केवल एक बार ही कर सकते हैं।