Bihar Jamin Ka Khatiyan Kaise Nikale:- जमीन के कागजात शायद सुनने में थोड़े boring लगें, लेकिन अगर आप बिहार से हैं या वहां जमीन के मालिक हैं, तो आप जानते हैं कि ये कितने जरूरी हैं। चाहे परिवार में जमीन का बंटवारा हो, मालिकाना हक साबित करना हो, या पुरानी जमीन के बारे में जानना हो, khatiyan आपका सबसे बड़ा हथियार है। ये एक सरकारी दस्तावेज है जो जमीन की पूरी कहानी बताता है—किसका नाम है, कितनी जमीन है, और कहां तक फैली है।
लेकिन 2025 में, जब सब कुछ digital हो गया है, तो इसे कैसे निकालें? चिंता न करें, मैं आपको आसान और मजेदार तरीके से सब कुछ समझाऊंगा। इस लेख में हम जानेंगे कि khatiyan क्या होता है, क्यों जरूरी है, और बिहार में इसे online कैसे देख सकते हैं—चाहे आपके पास नाम हो, khata number हो, या khasra number। चलिए शुरू करते हैं!
Overview of Bihar Land Khatiyan Extraction
Article Name | Bihar Jamin Ka Khatiyan Kaise Nikale |
---|---|
Objective | To provide information on extracting Khatiyan online |
Process | Completely online |
Fee | No fee |
How to Extract? | Read the article for details |
Applicable State | Bihar |

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खसरा-खतियान क्या होता है?
पहले ये समझते हैं कि आखिर khatiyan और khasra हैं क्या। अगर आपको ये शब्द नए लगते हैं, तो घबराएं नहीं—ये बस जमीन के रिकॉर्ड के नाम हैं, जो सालों से इस्तेमाल होते आ रहे हैं।
- Khatiyan: इसे जमीन की जीवनी समझिए। ये बिहार सरकार का एक आधिकारिक कागज है, जिसमें जमीन के बारे में सब कुछ लिखा होता है—मालिक का नाम, उनके पिता का नाम, गांव (mauza), khata number (खाता नंबर), khasra number (खेसरा नंबर), जमीन की सीमाएं, और उसका आकार (acres, decimals, या hectares में)। पहले ये हाथ से लिखे जाते थे और तहसील के पुराने दफ्तरों में रखे जाते थे, लेकिन अब ये digital हो गए हैं।
- Khasra: ये जमीन का DNA है। Khasra number एक खास नंबर होता है, जो गांव में किसी एक प्लॉट को पहचानता है। ये khatiyan का हिस्सा होता है और बताता है कि आपकी जमीन कौन सी है। मिसाल के तौर पर, अगर आपके दादाजी के पास गांव में तीन प्लॉट थे, तो हर एक का अपना khasra number होगा।
ये क्यों जरूरी हैं? मान लीजिए, आप जमीन बेच रहे हैं या परिवार में बांट रहे हैं। बिना khatiyan के आपके पास मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं। बिहार में, जहां जमीन के झगड़े बारिश की तरह आम हैं (2020 की पटना हाई कोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 60% से ज्यादा सिविल केस जमीन से जुड़े हैं), ये कागजात रखना बहुत जरूरी है।
Online क्यों? बिहार में डिजिटल बदलाव
पहले जमाने में khatiyan निकालने के लिए तहसील के चक्कर लगाने पड़ते थे, क्लर्क से बहस करनी पड़ती थी, और कभी-कभी थोड़ा chai-paani भी देना पड़ता था। लेकिन बिहार सरकार ने Bihar Bhumi portal (biharbhumi.bihar.gov.in) शुरू करके सब बदल दिया। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के इस online सिस्टम से आप घर बैठे जमीन के रिकॉर्ड देख सकते हैं—चाहे वो 1950 की जमीन हो या पिछले साल खरीदी हुई।
आंकड़े भी कमाल के हैं: 2024 तक बिहार के 70% से ज्यादा जमीन के रिकॉर्ड digital हो चुके हैं, जो 38 जिलों को कवर करते हैं। यानी लाखों khatiyans बस एक क्लिक दूर! इसका मकसद है—पारदर्शिता, तेजी, और कम झगड़े। तो, चाहे आपके पास khata number हो, khasra number हो, या सिर्फ नाम, चलिए जानते हैं कि इसे कैसे निकालें।
Step-by-Step: बिहार में ऑनलाइन खतियान कैसे निकालें?
चलिए इसे आसान स्टेप्स में समझते हैं। आपको कोई टेक गुरु बनने की जरूरत नहीं—बस एक स्मार्टफोन या लैपटॉप और इंटरनेट चाहिए। ये रहे तरीके:
Bihar Jamin Ka Khatiyan Kaise Nikale? नाम से खतियान निकालें
अगर आपके पास नंबर नहीं हैं, लेकिन मालिक का नाम पता है (जैसे आपके पिता या दादाजी का), तो ये तरीका आपके लिए है।
- Portal पर जाएं: अपना browser खोलें और biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं। ये Bihar Bhumi portal का homepage है।

- ‘Jamabandi’ चुनें: नीचे स्क्रॉल करें और “जमाबंदी पंजी देखें” पर क्लिक करें। Jamabandi और khatiyan एक ही चीज हैं, बस नाम अलग है।
- जगह चुनें: अपने जिला (district), अंचल (block), और गांव (mauza) को dropdown मेन्यू से चुनें। जैसे, अगर जमीन समस्तीपुर में है, तो समस्तीपुर जिला, फिर अंचल और गांव चुनें।
- नाम से खोजें: अगले पेज पर “नाम से खोजें” का ऑप्शन चुनें। मालिक का पूरा नाम डालें, जैसे “राम प्रसाद सिंह,” और सर्च करें।
- रिकॉर्ड चेक करें: कई रिकॉर्ड्स दिख सकते हैं। सही वाला ढूंढने के लिए पिता का नाम या गांव जैसी जानकारी मिलाएं। फिर उसे क्लिक करके khatiyan देखें।
टिप: नाम आम हो सकते हैं, तो कई रिजल्ट्स आ सकते हैं। गांव या दूसरी डिटेल्स से चेक करें।
Bihar Jamin Ka Khatiyan Kaise Nikale? खाता नंबर से
Khata number एक खाते की तरह होता है, जो गांव में किसी एक मालिक की सारी जमीन को जोड़ता है। अगर ये आपके पास है, तो काम आसान है।
- Portal पर जाएं: फिर से biharbhumi.bihar.gov.in खोलें।

- ‘Jamabandi’ पर क्लिक करें: “जमाबंदी पंजी देखें” चुनें।
- जगह डालें: जिला, अंचल, और गांव चुनें।
- खाता नंबर से खोजें: “खाता नंबर से खोजें” चुनें। नंबर डालें (ये पुराने कागजों या रसीद पर मिलता है) और सर्च करें।
- देखें और डाउनलोड करें: उस khata number से जुड़ा khatiyan दिखेगा। आप इसे डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए आपका khata number 145 है, गांव जहांगीरपुर, समस्तीपुर में। “145” डालें, और आपको उस खाते की सारी जमीन दिखेगी—शायद तीन khasra numbers में 2 एकड़।
Bihar Jamin Ka Khatiyan Kaise Nikale? खेसरा नंबर से
अगर आपको एक खास प्लॉट चाहिए, तो khasra number से सीधे उसकी डिटेल मिलेगी।
- Portal खोलें: biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं।
- ‘Jamabandi’ चुनें: “जमाबंदी पंजी देखें” पर क्लिक करें।
- जगह चुनें: जिला, अंचल, और गांव डालें।
- खेसरा नंबर से खोजें: “खेसरा नंबर से खोजें” चुनें। नंबर डालें (जैसे 237) और सर्च करें।
- खतियान देखें: उस प्लॉट का रिकॉर्ड खुलेगा, जिसमें मालिक और सीमाएं होंगी।
उदाहरण: मान लीजिए आपके चाचा ने पूर्वी चंपारण में khasra number 512 की बात की। इसे सर्च करें, और khatiyan बताएगा कि ये 1.5 एकड़ का है, आपके दादाजी के नाम पर। अब आपके पास सबूत है!
खतियान में क्या मिलेगा?
जब आपको khatiyan मिल जाए, तो उसमें क्या-क्या होगा? ये देखिए:
- मालिक का नाम: जमीन किसके नाम है।
- पिता का नाम: पहचान के लिए।
- खाता और खेसरा नंबर: खाता और प्लॉट के नंबर।
- क्षेत्रफल: जमीन का साइज (acres, decimals, या hectares में, जैसे 0.75 एकड़)।
- सीमाएं: उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम—क्या-क्या आसपास है।
- गांव और थाना की डिटेल: जगह की जानकारी।
ये एक जमीन का पासपोर्ट है—सब कुछ एक जगह!
मुश्किलें और समाधान
सिस्टम अच्छा है, लेकिन कभी-कभी दिक्कतें आती हैं:
- डेटा न मिले: 1950 से पुराने रिकॉर्ड शायद digital न हों। समाधान? अपने पास जो डिटेल्स हैं, लेकर अंचल ऑफिस जाएं।
- Website में गड़बड़: अगर साइट “not secure” दिखाए या न खुले, तो दूसरा browser यूज करें या थोड़ी देर बाद ट्राई करें—सरकारी सर्वर थोड़े नखरे करते हैं।
- कई मालिक: अगर जमीन बंटी या बिकी हो, तो नाम मैच न करें। पड़ोसियों या पुराने बैनामे से चेक करें।
मेरे एक दोस्त को सिवान में अपनी khatiyan online नहीं मिली, क्योंकि गांव का डेटा अपडेट नहीं था। अंचल ऑफिस गए, और वहां फिजिकल कॉपी मिल गई।
ये क्यों जरूरी है: बड़ी तस्वीर
Khatiyan निकालना सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं—ये आपकी ताकत है। बिहार में, जहां जमीन आपकी पहचान और रोजी-रोटी से जुड़ी है, अपने हक जानना धोखे और झगड़ों से बचा सकता है। विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार (land reform expert) कहते हैं कि digital रिकॉर्ड्स की वजह से 2015 से जमीन के केस 15% कम हुए हैं। यानी हजारों परिवारों की मुसीबत बची!
निष्कर्ष: आपकी जमीन, आपकी ताकत
तो, अब आप समझ गए कि बिहार में जमीन का khatiyan कैसे निकालना है। चाहे आपके पास नाम हो, khata number हो, या khasra number, प्रक्रिया आसान है। Bihar Bhumi portal ने इस पुराने काम को चाय की चुस्की के साथ मुमकिन बना दिया। अगली बार कोई पूछे, “अपनी जमीन का खतियान कैसे निकालें?” तो आप ही एक्सपर्ट होंगे।
कोई प्लॉट याद आ रहा है? अभी biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं और अपनी जमीन की कहानी खोजें। ये सिर्फ कागज नहीं—आपका इतिहास, सबूत, और शायद भविष्य है। खोज शुरू करें!