Jamin ka Bansawali kase Banaye 2024: vanshavali format in Bihar  बिहार में जमीन का वंशावली अब ऐसे बनेगा नियम बदल गया

By saket1764

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Bihar Bansawali form: बिहार में जमीन का वंशावली अब ऐसे बनेगा नियम बदल गया 2024

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Bihar Bansawali form: 
बिहार में जमीन का वंशावली अब ऐसे बनेगा नियम बदल गया 2024
www.Biharjobhelp.in
विवरणजानकारी
सेवा का नामजमीन का वंशावली कैसे बनवाएं
पोस्ट तिथि19.08.2024
प्रदान किया जाने वाला लाभसरकारी योजना
दस्तावेज़ का नामवंशावली (Bansawali)
आवेदन मोडऑफ़लाइन (फॉर्म डाउनलोड)
योजनावंशावली फॉर्म पीडीएफ डाउनलोड
पोस्ट का प्रकारसेवाएँ, सरकारी दस्तावेज़ आवेदन
विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार पटना
संक्षिप्त जानकारीहमारी पूर्वजों की जमीन-जायदाद जब हमें मिलती है, तो उसका बंटवारा करने के लिए वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। यह प्रमाण पत्र अब पंचायत द्वारा लगाए जा रहे शिविर के माध्यम से भी बनवाया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए एक सरल और सुलभ प्रक्रिया लागू की है। इस लेख में, हम आपको विस्तारपूर्वक बताएंगे कि कैसे आप अपनी जमीन का वंशावली बनवा सकते हैं। कृपया इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।

Bihar Bansawali form: बिहार में जमीन का वंशावली अब ऐसे बनेगा नियम बदल गया 2024
Bihar Bansawali form: बिहार में जमीन का वंशावली अब ऐसे बनेगा नियम बदल गया 2024

बिहार में जमीन का Bansawali कैसे बनवाएं: एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया

बिहार में 2024 के लिए वंशावली कैसे बनवाएं: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

वंशावली एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो आपके वंश का प्रमाण पत्र होता है और इसे खासतौर पर पैतृक संपत्ति के दावे के लिए जरूरी माना जाता है। अगर आपकी पैतृक संपत्ति आपके पिताजी, दादाजी या अन्य पूर्वजों के नाम पर दर्ज है, तो वंशावली सर्टिफिकेट आपके लिए अनिवार्य हो जाता है। बिहार सरकार ने 2024 के लिए वंशावली सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है, ताकि आप बिना किसी परेशानी के इसे प्राप्त कर सकें।

वंशावली सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया

बिहार सरकार ने वंशावली सर्टिफिकेट बनवाने के लिए 2024 में पंचायत स्तर पर कैंप आयोजित करने की योजना बनाई है। मार्च 2024 से हर मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को पंचायत स्तर पर यह कैंप आयोजित किए जाएंगे, जहां आप अपनी वंशावली सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज

वंशावली सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने से पहले निम्नलिखित दस्तावेजों को तैयार रखें:

  1. आवेदन पत्र: पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र प्राप्त करें।
  2. स्थानीय निवास प्रमाण: जैसे भूमि दस्तावेज, आधार कार्ड, वोटर आईडी।
  3. शपथ पत्र: जिसमें आपका वंश विवरण दर्ज हो।
  4. मोबाइल नंबर: संपर्क के लिए।
  5. स्थानीय गवाहों के हस्ताक्षर: गांव के स्थानीय निवासियों के हस्ताक्षर बतौर गवाह के रूप में।

आवेदन की प्रक्रिया

  1. पंचायत कार्यालय जाएं: मंगलवार, बुधवार या गुरुवार के दिन अपने नजदीकी पंचायत कार्यालय जाएं।
  2. आवेदन पत्र प्राप्त करें: पंचायत के अधिकारियों से आवेदन पत्र मांगें।
  3. आवेदन पत्र भरें: ध्यानपूर्वक सभी आवश्यक जानकारी आवेदन पत्र में भरें।
  4. आवेदन जमा करें: भरे हुए आवेदन पत्र और सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंचायत कार्यालय में जमा करें।
  5. सत्यापन प्रक्रिया: पंचायत कार्यालय आपके आवेदन और दस्तावेजों की जांच करेगा।
  6. वंशावली सर्टिफिकेट प्राप्त करें: सत्यापन के बाद, आपको आपका वंशावली सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।
विवरणप्रक्रिया
फॉर्म भरनावंशावली प्रमाण पत्र के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा।
वंशावली स्ट्रक्चर तैयार करनाआपके पूरे परिवार का विवरण पेपर पर स्ट्रक्चर के रूप में बनाना होगा।
आवश्यक दस्तावेज़परिवार का विवरण और आवश्यक दस्तावेज़ फॉर्म के साथ संलग्न करें।
फॉर्म जमा करनाभरे हुए फॉर्म और दस्तावेज़ को ग्राम पंचायत के सरपंच के पास जमा करें।
सत्यापन और हस्ताक्षरसरपंच द्वारा दस्तावेज़ों का सत्यापन और हस्ताक्षर किया जाएगा।
वंशावली प्रमाण पत्र प्राप्त करनासत्यापन प्रक्रिया के बाद, आपको वंशावली प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

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Bansawali बनाने का खर्च

सरकारी नियमों के अनुसार, वंशावली बनाने का खर्च मात्र ₹10 है। लेकिन व्यावहारिक रूप से, जब आप सरपंच के पास जाएंगे, तो यह खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है। अगर आपका वंशावली खो गया या फट गया, तो दोबारा बनवाने के लिए ₹100 खर्च होगा।

विवरणराशि
सरकारी शुल्क₹10 (वंशावली बनाने के लिए)
पुनः निर्माण शुल्क₹100 (वंशावली खो जाने या फट जाने पर)

महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखें

  • आवेदन करते समय सभी दस्तावेजों की प्रतियां अपने पास रखें।
  • आवेदन पत्र को पूरी तरह से सही जानकारी के साथ भरें ताकि सत्यापन प्रक्रिया में कोई समस्या न हो।
  • यदि कोई दस्तावेज़ अधूरा है, तो आपकी वंशावली बनाने में देरी हो सकती है।

Bansawali क्या होता है?

Bansawali सर्टिफिकेट का महत्व गांवी भूमि के कृषि योजनाओं में बढ़ चुका है, जहां यह सर्टिफिकेट पूर्वजों के भूमि संबंधी विवरण दर्ज करने का एक सशक्त दस्तावेज है। अब यह बहुत ही सरल है इसे प्राप्त करना, बस ₹10 में आप अपनी वंशावली सर्टिफिकेट को बनवा सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी और यहां से आप अपना सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही, आप यहां से भी जान सकते हैं कि कैसे आप वंशावली सर्टिफिकेट को बेहतर तरीके से बनवाकर इसे गूगल में अच्छे स्थान पर रैंक कर सकते हैं।

व्यक्तिपीढ़ीविवरण
परदादा1stपांच लड़के
बाबा2ndतीन लड़के (पापा और चाचा)
पापा/चाचा3rdअलग-अलग पांच लड़के और लड़कियां
आप और आपके भाई-बहन4thबेटी और बेटे का विवरण

जमीन का वंशावली (Bansawali) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति की पारिवारिक पृष्ठभूमि और संपत्ति के अधिकार को स्थापित करता है। यह प्रमाण पत्र यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति का संबंध उसके पूर्वजों से कैसे है और यह संपत्ति के बंटवारे में सहायक होता है।

वंशावली का महत्व

  1. संपत्ति का अधिकार: यदि आपके दादा या परदादा ने कोई संपत्ति छोड़ी है, तो वंशावली प्रमाण पत्र आवश्यक होता है ताकि आप उस संपत्ति पर कानूनी अधिकार प्राप्त कर सकें[1][3].
  2. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं में वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जैसे कृषि योजनाएँ, आवासीय योजनाएँ आदि[2][4].
  3. आनुवंशिक जानकारी: यह दस्तावेज परिवार की आनुवंशिकता को समझने में मदद करता है और यह पता लगाने में सहायक होता है कि कौन से गुण या बीमारियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं[3].

वंशावली बनाने की प्रक्रिया

  1. आवेदन फॉर्म प्राप्त करें: पंचायत कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
  2. दस्तावेज तैयार करें: आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो), निवास प्रमाण पत्र आदि तैयार करें[1][4].
  3. शुल्क का भुगतान: आवेदन के साथ ₹10 का शुल्क अदा करें[3].
  4. आवेदन जमा करें: सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन फॉर्म को पंचायत कार्यालय में जमा करें।
  5. सत्यापन प्रक्रिया: पंचायत सचिव द्वारा आपके आवेदन की जांच की जाएगी और सत्यापन के बाद वंशावली प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा[2][4].

इस प्रकार, जमीन का वंशावली न केवल संपत्ति के अधिकार को स्थापित करता है बल्कि यह विभिन्न सरकारी योजनाओं में भी सहायता प्रदान करता है।

Important Document Required to Bansawali

  • मोबाइल नंबर
  • जमीन के दस्तावेज पत्ता
  • ₹10 की शुक्ल का भुगतान
  • स्थानीय निवास का प्रमाण पत्र
  • एक पूरा भरा गया आवेदन फॉर्म
  • पहचान का प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड
  • एक शपथ पत्र पर आवेदन करने वाले व्यक्ति को वंशावली का पूरा विवरण देना होगा

Bansawali बनाने के नए नियम

पहले वंशावली मुखिया के सहयोग से बनवाया जाता था, लेकिन अब नियम बदल गया है। अब यह प्रक्रिया सरपंच के द्वारा की जाएगी।

Bansawali फॉर्म कैसे डाउनलोड करें?

वंशावली फॉर्म को आप स्थानीय कार्यालय या दुकान से प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप इसे ऑनलाइन प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से भी इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

वंशावली का उपयोग क्या है

वंशावली (Bansawali) का उपयोग विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता है, विशेषकर संपत्ति और वंश संबंधी मामलों में। यहाँ कुछ मुख्य उपयोग दिए गए हैं:

  1. संपत्ति का अधिकार: यदि आपके पूर्वजों (जैसे दादा या परदादा) के नाम पर कोई संपत्ति है, तो वंशावली प्रमाण पत्र आवश्यक है ताकि आप उस संपत्ति पर कानूनी अधिकार प्राप्त कर सकें। यह दस्तावेज़ यह साबित करता है कि आप उस संपत्ति के वैध उत्तराधिकारी हैं[3][4].
  2. कृषि योजनाओं का लाभ: किसान जो अपने पूर्वजों से कृषि भूमि प्राप्त करते हैं, उन्हें कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। यह प्रमाण पत्र यह दर्शाता है कि वे उस भूमि के स्वामित्व में हैं[5].
  3. आनुवंशिक जानकारी: वंशावली का उपयोग परिवार के सदस्यों की आनुवंशिक जानकारी को समझने के लिए भी किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि किस प्रकार के आनुवंशिक गुण या रोग पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहे हैं[1][2].
  4. सरकारी योजनाओं में आवेदन: कई सरकारी योजनाओं में पात्रता के लिए वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जैसे कि जाति प्रमाण पत्र, आवासीय योजनाएं आदि[3][4].

इस प्रकार, वंशावली का उपयोग न केवल संपत्ति संबंधी मामलों में होता है, बल्कि यह सामाजिक और कानूनी दस्तावेज़ के रूप में भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

वंशावली बनवाना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो जमीन की रजिस्ट्री और जमाबंदी के लिए आवश्यक है। इस प्रक्रिया में धैर्य और समझदारी की आवश्यकता है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आपके जमीन के अधिकार को सुरक्षित करने में सहायक होगी।

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मेरा नाम साकेत कुमार है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ। और मैं ही इस वेबसाइट का Founder ,CEO & Content Writer हूँ। biharjobhelp.in बनाया एजुकेशन वेबसाइट है जहाँ पर हम आपको एजुकेशन से रिलेटेड हर न्यूस को कवर कर के आप के समक्ष रखते हैं।

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