Dakhil Kharij Online Form 2025: बिहार जमीन दाखिल खारिज (Mutation) फॉर्म कैसे भरें?
Dakhil Kharij Online Form 2025:- बिहार में जमीन का मालिकाना हक एक बड़ी बात है—ये गर्व और सुरक्षा दोनों देता है। लेकिन इसके साथ कुछ जिम्मेदारियां भी आती हैं। जमीन खरीदने, विरासत में लेने या ट्रांसफर करने के बाद सबसे जरूरी कदम है Dakhil Kharij—यानी mutation का प्रोसेस पूरा करना। ये सुनिश्चित करता है कि सरकारी रिकॉर्ड में आपका नाम मालिक के तौर पर दर्ज हो।
अच्छी खबर ये है कि 2025 में बिहार ने इसे पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है, जिससे लंबी लाइनों और दफ्तरों के चक्कर से छुटकारा मिल गया। लेकिन सवाल ये है कि Dakhil Kharij Online Form को कैसे भरा जाए? आइए, इसे आसान और रोचक तरीके से स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं—ऐसा कि आपको सब कुछ साफ और मजेदार लगे।

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Dakhil Kharij क्या है और क्यों जरूरी है?
मान लीजिए आपने बिहार में एक शानदार जमीन खरीदी—अपना सपनों का घर बनाने के लिए। डील हो गई, कागजात साइन हो गए, लेकिन एक पेंच है—सरकारी रिकॉर्ड में अभी भी पुराने मालिक का नाम है। जब तक आप उसे अपडेट नहीं करते, कानूनी तौर पर आप मालिक नहीं माने जाएंगे। यहीं आता है Dakhil Kharij का रोल। आसान भाषा में, ये जमीन के रिकॉर्ड में मालिकाना हक बदलने की प्रक्रिया है—चाहे वो खरीद-बिक्री हो, विरासत हो या गिफ्ट। हिंदी में “दाखिल खारिज” का मतलब है “दर्ज करना और हटाना”—नए मालिक का नाम जोड़ना और पुराने का हटाना।
बिहार में ये बहुत जरूरी है क्योंकि इससे lagaan (जमीन का टैक्स) चुकाने से लेकर विवादों में मालिकाना हक साबित करने तक सब कुछ जुड़ा है। बिहार राजस्व और भूमि सुधार विभाग की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 60% से ज्यादा आपराधिक मामले जमीन के झगड़ों से जुड़े हैं। सही समय पर Dakhil Kharij कर लेने से आप कानूनी मुश्किलों से बच सकते हैं। और अब 2025 में, ये सब Bihar Bhumi पोर्टल के जरिए ऑनलाइन हो रहा है—तेज, पारदर्शी और आसान।
तो, चाहे आप किसान हों जो पैतृक जमीन रजिस्टर कर रहे हों या शहर में प्लॉट लेने वाले, ये लेख आपको Dakhil Kharij Online Form भरने का पूरा रास्ता दिखाएगा।
Dakhil Kharij Online Form 2025: शुरू करने से पहले बेसिक्स समझें
फॉर्म भरने से पहले कुछ बुनियादी बातें समझ लेते हैं। Dakhil Kharij कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि कानूनी जरूरत है। इसके बिना आप अपने नाम पर malguzari rasid (जमीन टैक्स रसीद) नहीं ले सकते, और आपका मालिकाना हक अधूरा रहता है। ये प्रोसेस इन मामलों में लागू होता है:
- जमीन की खरीद-बिक्री
- किसी के निधन के बाद जमीन की विरासत
- गिफ्ट या वसीयत से मिली जमीन
2025 में बिहार सरकार ने इसे biharbhumi.bihar.gov.in पोर्टल के जरिए आसान बना दिया है। लेकिन एक टिप: तैयारी पहले कर लें। आपको कुछ खास कागजात और डिटेल्स चाहिए होंगे। चलिए इसे समझते हैं।
जरूरी कागजात
- Sale Deed (रजिस्ट्री पेपर्स): जमीन के सौदे का सबूत।
- Identity Proof: आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड।
- Khata-Khesra डिटेल्स: जमीन के पहचान नंबर, पुराने रिकॉर्ड या रसीद में मिलते हैं।
- पुराने मालिक की जानकारी: ट्रांसफर की पुष्टि के लिए।
- स्कैन कॉपी: सारे कागजात PDF में, 1MB से कम साइज के।
लोग अक्सर धुंधले या बड़े साइज के फाइल अपलोड कर देते हैं—ऐसा न करें! सब कुछ साफ स्कैन करें और जरूरत पड़े तो फाइल साइज कम करें।
Dakhil Kharij Online Form 2025 : Dakhil Kharij Online Form भरने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
अब असली काम शुरू करते हैं—फॉर्म भरना। इसे एक सफर की तरह लें: हर स्टेप आपको आपकी जमीन को सुरक्षित करने के करीब ले जाएगा। मार्च 2025 तक Bihar Bhumi पोर्टल पर ये ऐसे काम करता है।
स्टेप 1: ऑफिशियल पोर्टल पर जाएं
अपना ब्राउजर खोलें और biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं। होमपेज पर आपको “ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन करें” का ऑप्शन दिखेगा। इसे क्लिक करें। अगर आप रजिस्टर्ड नहीं हैं, तो पहले ईमेल और फोन नंबर से साइन अप करें। अकाउंट है? तो लॉग इन करें।
स्टेप 2: जिला और अंचल चुनें
लॉग इन करने के बाद फॉर्म में अपना jila (जिला) और anchal (अंचल) चुनें। जैसे, अगर जमीन पटना के दानापुर में है, तो “पटना” जिला और “दानापुर” अंचल सेलेक्ट करें। इससे आपका आवेदन सही ऑफिस तक पहुंचेगा।
स्टेप 3: जमीन की डिटेल्स भरें
यहां आपको khata-khesra नंबर चाहिए होंगे। डालें:
- Khata Number: जमीन का अकाउंट नंबर।
- Khesra Number: प्लॉट नंबर।
- Rakba: जमीन का क्षेत्रफल (एकड़ या डेसीमल में)।
इन डिटेल्स को अपनी sale deed से मिलाएं। एक छोटी गलती भी रिजेक्शन का कारण बन सकती है!
स्टेप 4: आवेदक और पुराने मालिक की जानकारी दें
अब अपनी पर्सनल डिटेल्स डालें—नाम, पता, कॉन्टैक्ट नंबर। फिर पुराने मालिक का नाम और डिटेल्स डालें। इससे पुराना रिकॉर्ड नए से जुड़ेगा। अगर जमीन विरासत में मिली है, तो मृत मालिक का नाम और डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ सकती है।
स्टेप 5: कागजात अपलोड करें
अपलोड सेक्शन पर क्लिक करें और PDF फाइल्स अटैच करें। इन्हें साफ नाम दें—जैसे “Sale Deed,” “Aadhaar”—ताकि ऑफिसर को समझने में आसानी हो। अपलोड के बाद ड्राफ्ट सेव करें, वरना प्रोग्रेस खो सकती है।
स्टेप 6: रिव्यू और सबमिट करें
सबमिट करने से पहले सब चेक करें। Khesra नंबर सही है? फाइल्स साफ दिख रही हैं? पक्का होने पर सबमिट करें। आपको एक रसीद मिलेगी जिसमें application number होगा—इसे संभाल कर रखें! ये स्टेटस चेक करने की चाबी है।
स्टेप 7: पेमेंट (अगर लागू हो)
ऑनलाइन Dakhil Kharij ज्यादातर फ्री है, लेकिन कुछ केस (जैसे कोर्ट सेटलमेंट) में ₹5 जैसी छोटी फीस लग सकती है। अगर पेमेंट का ऑप्शन आए, तो UPI, कार्ड या नेट बैंकिंग से पे करें।
Dakhil Kharij Online Form 2025: सबमिट करने के बाद क्या होता है?
फॉर्म सबमिट करना खत्म नहीं, बल्कि प्रोसेस की शुरुआत है। जानिए आगे क्या होगा:
- Processing Time: अगर सब सही है तो 45 दिन में हो जाता है। कोई आपत्ति (जैसे विवाद) हो तो 90 दिन तक लग सकते हैं।
- Status Check: पोर्टल पर जाकर “दाखिल खारिज आवेदन स्थिति” पर क्लिक करें और application number डालें। आपको अपडेट दिखेगा जैसे “Under Review” या “Approved.”
- Approval: मंजूरी मिलने पर आपका नाम jamabandi (जमीन रजिस्टर) में आ जाएगा, और आप आधिकारिक मालिक बन जाएंगे।
जनवरी 2025 में नया नियम आया: अगर आवेदन में गलती हो तो 30 दिन में ठीक करना होगा, वरना ऑटो-रिजेक्ट हो जाएगा। तो स्टेटस पर नजर रखें!
Dakhil Kharij Online Form 2025: रियल-लाइफ उदाहरण से समझें
मान लीजिए मुजफ्फरपुर के रवि ने 2025 में 2 डेसीमल जमीन खरीदी। वो Bihar Bhumi पर लॉग इन करता है, “मुजफ्फरपुर” जिला और “मुशहरी” अंचल चुनता है, और khata (123) व khesra (456) डालता है। वो sale deed और आधार अपलोड करता है, फॉर्म सबमिट करता है, और उसे application number मिलता है: DK2025MUZ789। दो हफ्ते बाद स्टेटस “Under Review” दिखता है। 40वें दिन मंजूरी मिलती है, और रवि का नाम रिकॉर्ड में आ जाता है। आसान, ना? लेकिन अगर वो sale deed भूल जाता, तो देरी हो सकती थी।
Dakhil Kharij Online Form 2025: एक्सपर्ट टिप्स और गलतियों से बचें
इस प्रोसेस को गहराई से समझने वाले के तौर पर मेरी सलाह:
- टिप 1: अगर टेक्नोलॉजी में दिक्कत हो तो Common Service Center (CSC) जाएं—वो थोड़ी फीस में काम कर देंगे।
- टिप 2: सारे कागजात की डिजिटल और फिजिकल कॉपी रखें।
- गलती 1: स्टेटस अपडेट को नजरअंदाज न करें—देरी का मतलब अक्सर कागजात की कमी होता है।
- गलती 2: जल्दबाजी न करें; सटीकता तेजी से बेहतर है।
एक्सपर्ट राजेश कुमार रॉय, जो एक भूमि सुधार सलाहकार हैं, कहते हैं, “ऑनलाइन Dakhil Kharij ने 2022 से बिहार में भ्रष्टाचार 40% कम किया है।” ये पारदर्शिता की बड़ी जीत है!
Dakhil Kharij Online Form 2025:- Important Links
निष्कर्ष: अपनी जमीन पर हक आज ही लें
2025 में Dakhil Kharij Online Form भरना बिहार में जमीन के मालिकाना हक का सबसे आसान रास्ता है। ये सिर्फ कागजी काम नहीं—ये आपका भविष्य सुरक्षित करने, झगड़ों से बचने और चैन की नींद सोने का जरिया है। Bihar Bhumi पोर्टल के साथ ये प्रोसेस आपकी उंगलियों पर है—चाहे आप गांव में हों या शहर में। तो अपने कागजात जुटाएं, स्टेप्स फॉलो करें, और अपनी जमीन पर कब्जा लें। कोई सवाल हो? नीचे पूछें—मुझे आपकी मदद करने में खुशी होगी!
इस प्रोसेस को समझकर आप सिर्फ फॉर्म नहीं भर रहे—अपनी विरासत बना रहे हैं। चलिए शुरू करते हैं!