नई social media influencers : जानिए योगी सरकार की नई डिजिटल नीति का हर पहलू
UP Social Media Policy 2024 उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक नई सोशल मीडिया नीति की घोषणा की है, जो न केवल सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देगी, बल्कि सोशल मीडिया पर अनुशासन भी स्थापित करेगी। आइए इस नीति को गहराई से समझें और जानें कि इसके तहत किन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई होगी, और यह कैसे प्रभावशाली लोगों (Influencers) को प्रभावित करेगी।
UP Social Media Policy 2024 – Overview
Name of the Article | UP Social Media Policy 2024 |
Type of Article | Sarkari Yojana |
Article Useful For | All of Us |
Detailed Information of UP Social Media Policy 2024? | Please Read The Article Completely |
Main objectives and categories for UP Social Media Policy 2024
- Promotion of Government Schemes: इस नीति का मुख्य उद्देश्य Social Media Platforms के माध्यम से सरकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार करना है। इसके लिए,Different Categories के Influencers को चुना जाएगा जिन्हें सरकार हर महीने Advertisement के लिए 2 लाख से 8 लाख रुपये तक का भुगतान करेगी।
- Categories of Social Media Platforms : नीति के अनुसार, चार अलग-अलग श्रेणियाँ बनाई गई हैं:
- Type 1: 10 लाख से अधिक Followers वाले Influencers.
- Type 2: 5 से 10 लाख Followers वाले Influencers.
- Type 3: 1 से 5 लाख Followers वाले Influencers.
- Type 4: 1 लाख से कम Followers वाले Influencers.
- Controversial and objectionable content पर कार्रवाई: नीति में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति अपमानजनक, अश्लील या राष्ट्रविरोधी सामग्री पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। IT Act की धारा 66E and 66F के तहत ऐसे व्यक्तियों पर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
नीति के लाभ और विपक्ष की प्रतिक्रिया
- Government’s side : योगी सरकार का मानना है कि यह नीति सरकारी योजनाओं का प्रचार करने में सहायक होगी और Social media पर अनुचित सामग्री पर रोक लगाएगी। इसके जरिए न केवल सरकारी विज्ञापनों को प्रमोट किया जा सकेगा, बल्कि राष्ट्रविरोधी पोस्ट्स पर भी सख्त नजर रखी जाएगी।
- Criticism from the opposition: समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने इस नीति को “तानाशाही” करार दिया है। उनका कहना है कि यह नीति सरकार की आलोचना करने वालों को डराने-धमकाने के लिए लाई गई है। विपक्षी दलों का मानना है कि यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।
नीति के अंतर्गत सामग्री की स्वीकृति
क्या इस नीति में सामग्री की स्वीकृति आवश्यक होगी? हां, नीति के अंतर्गत सभी Promotional Contents की पहले से मंजूरी लेनी होगी। यह सरकारी विज्ञापन के रूप में होगा, जिसे सूचना विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
समाज पर प्रभाव और आगे की राह
यह नीति एक ओर सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है, वहीं दूसरी ओर इसे विरोधी दलों और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा लोकतंत्र पर हमले के रूप में देखा जा रहा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे चलकर यह नीति कितनी प्रभावी रहती है और क्या इसे संशोधित करने की जरूरत पड़ेगी।
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